कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से एक सीट खाली करने पर प्रियंका गांधी की वायनाड से लोकसभा उम्मीदवारी लगभग तय मानी जा रही है. रायबरेली से ज्यादा वोटों से जीतने वाले राहुल दोनों जगह पारिवारिक रिश्ता बता चुके हैं. ऐसे में पार्टी प्रियंका के जरिए कम वोटों से जीती वायनाड पर पारिवारिक रिश्ता बने रहने का दांव खेल सकती है.
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का बेटा सौंपने जैसे बयान के बाद से यह तय माना जा रहा है कि राहुल गांधी रायबरेली की सीट अपने पास रखेंगे. सोनिया गांधी ने सीट को परिवार की 121 साल की परंपरा भी बताया था. ऐसे में माना जा रहा है कि राहुल गांधी रायबरेली से सांसद बने रह सकते हैं.
14 दिन के भीतर करना होता है फैसला
नियम कहते हैं कि जब कोई उम्मीदवार चुनाव में दो सीट से चुनाव लड़ता है और दोनों पर जीत हासिल करता है तो उसे परिणाम आने के 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी पड़ती है. ऐसे में माना जा रहा है कि राहुल गांधी अगले तीन दिन में किसी भी वक्त वायनाड सीट छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं. वायनाड सीट को लेकर फैसला भले बाद में हो, लेकिन प्रियंका गांधी फ्रंट रनर हैं.
रायबरेली में राहुल की बड़ी जीत
इस बार के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी वायनाड के साथ-साथ रायबरेली सीट से चुनाव लड़े. चुनाव में दोनों ही जगह पर राहुल गांधी की जीत हुई. वायनाड की तुलना में राहुल गांधी रायबरेली में बड़े अंतर से जीते. रायबरेली में राहुल गांधी को 3,90,030 वोट से तो वायनाड में 364422 वोटों से जीत हासिल की. राहुल गांधी के लिए रायबरेली की जीत इसलिए भी और बड़ी माना जाती है क्योंकि पिछली बार के चुनाव में इस सीट से सटी अमेठी सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
सोनिया गांधी के हटने के बाद खाली हुई सीट
इस चुनाव से पहले तक रायबरेली की सीट से सोनिया गांधी सांसद थीं. 2004 से 2019 तक सोनिया गांधी लगातार यह सीट जीतती रहीं और संसद पहुंचती रहीं. 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा सांसद बन गईं. ऐसे में चुनाव में पार्टी ने यहां से राहुल गांधी को मौदान में उतारने का फैसला किया और उसे कामयाबी भी मिली.